
मंडी:- हिमाचल प्रदेश सरकार की “गोबर समृद्धि योजना” के तहत, करसोग की दो महिलाओं ने 8 क्विंटल गोबर बेचकर ₹2400 कमाए हैं। ये महिलाएं प्रदेश की पहली महिला बनी हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ मिला है। इनमें से एक महिला ने साढ़े चार क्विंटल और दूसरी महिला ने साढ़े तीन क्विंटल गोबर बेचा है। इस योजना के तहत उन्हें ₹3 प्रति किलो की दर से भुगतान किया गया है।
“गोबर समृद्धि योजना” की जानकारी
यह योजना हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य किसानों और पशुपालकों को स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है। इस योजना के तहत, पशुपालकों से ₹3 प्रति किलो की दर से गोबर खरीदा जा रहा है। यह गोबर कृषि व बायोगैस उत्पादन जैसे कई उपयोगों में काम आता है। साथ ही, इससे किसानों को अतिरिक्त आय अर्जित करने का भी मौका मिल रहा है।
महिलाओं का आर्थिक लाभ
प्रोमिला देवी और राधू देवी, भडारनू गांव की रहने वालीं, इस योजना की पहली महिलाओं में से हैं, जिन्होंने गोबर बेचा और ₹2400 कमाए। इनमें से प्रोमिला देवी ने साढ़े चार क्विंटल गोबर बेचकर ₹1350 कमाए, जबकि राधू देवी ने साढ़े तीन क्विंटल गोबर बेचकर ₹1050 कमाए। यह पैसे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए गए हैं।
इन महिलाओं ने बताया कि कृषि विभाग करसोग के अधिकारियों ने उन्हें योजना की जानकारी दी थी। शुरू में उन्हें विश्वास नहीं हुआ कि राज्य सरकार उनके पशुओं का गोबर खरीद रही है। लेकिन अधिकारियों की मदद से उन्होंने गोबर बेचा और अपने लिए एक नया स्रोत आय स्थापित किया।
योजना का उद्देश्य
हिमाचल प्रदेश सरकार की “गोबर समृद्धि योजना” का उद्देश्य किसानों और पशुपालकों को उनके पशुओं का गोबर बेचने का अवसर प्रदान करना है। इसके जरिए किसानों को एक अतिरिक्त आय स्रोत मिल रहा है, और गोबर का इस्तेमाल बायोगैस उत्पादन, जैविक खाद बनाने और अन्य उपयोगों के लिए किया जा रहा है। इस योजना के तहत हिमाचल प्रदेश में अधिक से अधिक किसान और महिलाएं जुड़ने लगी हैं।
भविष्य की संभावनाएं
इस योजना की सफलता के बाद, अब अन्य जिलों में भी लोग इस योजना का लाभ उठाने के लिए आगे आ रहे हैं। आने वाले समय में यह योजना हिमाचल प्रदेश में ना केवल महिलाओं, बल्कि अन्य किसानों और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक होगी। इसे अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है, जिससे अन्य राज्यों की भी ग्रामीण महिलाएं और किसान लाभ उठा सकें।
इस योजना के जरिए ग्रामीण महिलाओं को अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने और पर्यावरण संरक्षण में योगदान करने का अवसर मिल रहा है। “गोबर समृद्धि योजना” हिमाचल प्रदेश में ग्रामीण महिलाओं के लिए एक बड़ा सकारात्मक बदलाव लेकर आई है।